प्यार,धोखे और पैसे की 'रेस'

रेस कोई भी हो, हर दौडऩे वाला बस जीतना चाहता है। कुछ ऐसी ही रेस है अब्बास-मस्तान की, जिसमें दौड़ रहे हैं सैफ, अक्षय, कैटरीना, बिपाशा, अनिल और समीरा। बाक्स आफिस पर ये रेस कितनी लम्बी चलती है फाइनल तो आने वाले दिनों में होगा, फिलहाल होली की छुट्टी के बावजूद फिल्म की ओपनिंग एवरेज रही।
मूवी में जिंदगी की रेस के तीन पहलू हैं, पैसा, धोखा और प्यार, जी हां कहानी में प्यार भी किया जाता है तो धोखा देने के लिए। रेस के असली हीरो सैफ अली खान हैं। चेहरे पर दाड़ी की लुक उन्हें खूब भाई है और उनके किरदार को सूट भी करती है, यही वजह है कि दर्शकों के दिलों पर वह छा जाते हैं। अब्बास मस्तान की जोड़ी खिलाड़ी और बाजीगर के बाद एक , अच्छी ससपेंस थ्रिलर बनाने में सफल हुई हैं। कहानी का केंद्र बिंदु सस्पैंस हैं, जो लोगों को पसंद आया है। म्यूजिक ठीक ठाक है, लेकिन बाकी गानों से ज्यादा लोग अल्हा दुआई है का इंतजार करते हैं और उन्हें इस गाने का डबल डोज मिलता है। एक बार गाना फिल्म में आता है, तो दूसरी बार क्लइमैक्स के बाद। कहानी दो सौतेले भाईयों की है जो डर्बन में स्टड फार्म चलाते हैं और रेस सैफ का पैशन है, लेकिन उसे हैरानी तब होती है जब उसका जान से प्यारा छोटा भाई उसकी जिंदगी की रेस पर फुल स्टॉप लगाना चाहता है। फिर शुरू होती है धोखे की रेस और इस धोखे का हथियार बनता है प्यार। सैफ अपने प्यार बिपाशा को अपने भाई को सौंप देता है, लेकिन ये त्याग नहीं धोखे के राज खोलने के लिए होता है। आखिर कलई खुलती है और धोखे के सूत्रधार कैटरीना और अक्षय, सैफ की जिंदगी की रेस पर फुल स्टाप लगाने की कोशिश करते हैं। खैर फिल्म एक बार देखने लायक तो है। कहीं कहीं फिल्म खिंचती सी लगती है, लेकिन एक नया सस्पेंस कहानी आगे बढ़ाता है। सो अगर सस्पेंस के साथ थ्रिल करने का शौक है, तो हो जाए रेस
नोट: दोस्तो वादे के मुताबिक हर हफ्ते रिलीज होने वाली कुछ खास फिल्मों की समीक्षा देने का प्रयास कर रहा हूं। रेस पिछले हफ्ते रिलीज हुई थी, लेकिन किसी कारण वश लिखने के बावजूद इसका रिव्यू पोस्ट नहीं कर सका। देरी के लिए क्षमा चाहता हूं। फिल्म वन टू थ्री की समीक्षा
अच्छा रिव्यू लिखा है. आगे भी हफ्तावार जारी रखें..शुभकामना.
ReplyDeleteBeing in love is, perhaps, the most fascinating aspect anyone can experience. Nice प्यार की बात Ever.
ReplyDeleteThank You.